शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

गजल


आरे तिरपित पारे तिरपित
कनही कूकूर माँड़े तिरपित


बैसि रहल सरकार चुना
देशक जनता ठाढ़े तिरपित


मना रहल मधुमास धनिकबा
गरीबक भाग अखाढ़े तिरपित


उठौना लागल दूनू साँझ
बाछी मुदा लथारे तिरपित


कतबो झपबै नंगटीनी के
निर्लज्जी मुदा उघारे तिरपित

1 टिप्पणी:

  1. आरे तिरपित पारे तिरपित (12वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- काफिया पारे)
    कनही कूकूर माँड़े तिरपित (12वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- काफिया माँड़े)

    बैसि रहल सरकार चुना (11वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित)
    देशक जनता ठाढ़े तिरपित (12वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- काफिया ठाढ़े)

    मना रहल मधुमास धनिकबा (13वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- )
    गरीबक भाग अखाढ़े तिरपित (13वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- काफिया अखाढ़े)

    उठौना लागल दूनू साँझ (10वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- )
    बाछी मुदा लथारे तिरपित (11वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- काफिया लथारे)

    कतबो झपबै नंगटीनी के (11वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- )
    निर्लज्जी मुदा उघारे तिरपित (12वार्णिक मात्रा - रदीफ तिरपित- काफिया उघारे)
    सभमे १२ कऽ दियौ जेना ३,४,५,६,७ पाँतीमे , बेशी झमेलो नै अछि- जेना झपबै केँ झपबए (७म पाँती)केलासँ आदि।

    कहबाक जरूरति नै जे गजल एक नम्बर बनल अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों