गुरुवार, 4 जुलाई 2013

गजल

ठण्डा गरम एक रङ्ग प्रेम भेने
सभहँक बदलि जाइ ढ़ङ्ग प्रेम भेने

दुनियाँ तँ दुनियाँ मुदा देखू चरित्तर
मोनो अपन करत तङ्ग प्रेम भेने

केओ चलत भिन्न सदिखन भाइ तैओ
लगबे करत सभ तँ सङ्ग प्रेम भेने

हमरा तँ भेटल मुदा ओ देखलक नै
प्राणी होइत अछि अपङ्ग प्रेम भेने



कमसँ कम पाँच टा शेर हेबाक चाही.. मुदा अगिला शेर निकलि नै रहल अछि

1 टिप्पणी:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों