डा. बलराम शुक्ल
(बलरामजी अपन परिवारक संग)
असिस्टेण्ट प्रोफेसर
संस्कृत विभाग, दिल्ली
विश्वविद्यालय, दिल्ली 110 007
मो. 09818147903
ईमेल संकेत– shuklabalram82@gmail.com
जन्म – 25 सितम्बर 1981,
गोरखपुर (भारत)
अध्ययन–
स्नातक(2001) – संस्कृत,
अंग्रेजी साहित्य,
मध्यकालीन इतिहास
गोरखपुर विश्वविद्यालय,
गोरखपुर
परास्नातक(2003)– संस्कृत
(व्याकरणशास्त्रमे विशेषज्ञता)
दिल्ली विश्वविद्यालय
, दिल्ली
(विश्वविद्यालयमे सर्वप्रथमस्थान आ एखन धरिक
रिकार्ड अंकक
उपलब्धि आ
ऐ लेल
सी डी
देशमुख स्वर्णपदक
प्राप्त)
शोध (2007)
– व्याकरण
तथा भाषाविज्ञान
दिल्ली विश्वविद्यालय
, दिल्ली
(शोधक विषय
– वाक्यार्थ : "भारतीय सिद्धान्तों
का रेलेवेंस
सिद्धान्त के सन्दर्भ में विश्लेषण
"।
(रेलेवेंस पाश्चात्त्य भाषाशास्त्रमे
प्रतिपादित एकटा वाक्यार्थ सम्बन्धी एकटा
नवीन सिद्धान्त
छै ।
जकर प्रतिपादन
Dan Sperber तथा Dierdri Wilson नामक विद्वान
केलखिन्ह ।
एकर प्रमुख
कथ्य ई
छै कि
प्रत्येक भाषिक
संवाद रेलेवेंसक
गारण्टीसँ युक्त होइत छै, मुदा
ओ
सभ रेलेवेंसकेँ निश्चित करऽ बला
तत्व सभहँक
परिगणन नै
केन छथि
। प्रस्तुत
शोधमे भारतीय
सिद्धान्त सभहँक सहायतासँ ऐ सिद्धान्तकेँ
दृढतर करबाक
प्रयत्न कएल
गेल छै।
)
प्रमाणपत्र (2008) – फ़ारसी
भाषा एवं
साहित्य , दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली ।
विश्वविद्यालयमे प्रथम स्थान
।
डिप्लोमा (2009) – फ़ारसी
भाषा एवं
साहित्य , दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली ।
विश्वविद्यालयमे प्रथम स्थान
।
एडवांस डिप्लोमा (2010)
– फ़ारसी भाषा
एवं साहित्य
, दिल्ली विश्वविद्यालय,
दिल्ली ।
विश्वविद्यालयमे प्रथम स्थान
।
उच्चतर अध्ययन (2011)
– फ़ारसी भाषा
एवं साहित्य
, फ़ारसी भाषा
एवं साहित्य
विकास
केन्द्र , तेहरान – ईरान
, प्रथम
स्थान ।
परास्नातक(2012) – फ़ारसी
भाषा एवं
साहित्य
(प्राचीन साहित्यमे विशेषज्ञताक संग)
दिल्ली विश्वविद्यालय,
दिल्ली ।
विश्वविद्यालयमे प्रथम स्थान,
फ़िरदौसी स्वर्ण
पदक प्राप्त ।
अध्यापन – अनुभव
2014सँ असिस्टेण्ट प्रोफेसर
संस्कृत – संस्कृत विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय
, दिल्ली
2005सँ 2014 – असिस्टेण्ट
प्रोफेसर संस्कृत,
हिन्दू कालेज
, संस्कृत विभाग , दिल्ली
विश्वविद्यालय दिल्ली ।
व्याकरण , भाषाविज्ञान , साहित्य
तथा दर्शन
केर निरन्तर
अध्यापन ।
पांचटा शोधार्थीक शोध निर्देशन ।
2004 – असिस्टेण्ट प्रोफेसर संस्कृत,
हंसराज कालेज
, दिल्ली विश्वविद्यालय
दिल्ली –7
2004सँ अद्यावधि– दिल्ली
विश्वविद्यालय एवं पत्राचार महाविद्यालयमे संस्कृत
व्याकरणक निरन्तर
अध्यापन ।
उपलब्धियां–
2013– राष्ट्रपति द्वारा
युवा संस्कृतविद्वानक
रूपमे “बादरायण
व्यास पुरस्कार
” सम्मानित ।
2011– द्वितीय ईरान
विश्वकवि सम्मेलनमे
भारतक प्रतिनिधित्व
करबाक हेतु
तेहरान तथा
शीराजमे आमन्त्रित
। अन्य
सांस्कृतिक गतिविधि लेल ईरानक विभिन्न
शहर सभमे
छः
बेर भाग
ग्रहण।
2011– दर्शन विभाग
– लखनऊ विश्वविद्यालय
द्वारा आयोजित
पुनश्चर्या कार्यक्रममे निम्नोक्त
विषयपर अभिभाषण
लेल आमन्त्रित–
. भारतीय भाषा
दर्शन की
प्रमुख समस्यायें
।
. वैयाकरणों की
भाषा दृष्टि
।
2009– सांस्कृतिक संस्था
आरोही
द्वारा उर्दू कवि फैज अहमद
फैजख जन्म
शताब्दीक
अवसरपर व्याख्यान
लेल आमन्त्रित
।
2004 सँ अद्यावधि
– संस्कृत भारती संस्था द्वारा संस्कृत
माध्यमसँ संस्कृत
व्याकरणपर वक्तृत्
लेल अनेक
बेर आमन्त्रित
।
2005 – विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग द्वारा
शोध लेल
वरिष्ठ शोधवृत्ति
प्रदत्त ।
2003 – विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग द्वारा
शोध लेल
कनिष्ठ शोधवृत्ति
प्रदत्त ।
2003– विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग द्वारा
आयोजित राष्ट्रीय
अर्हता परीक्षा
उत्तीर्ण ।
संगोष्ठी सभमे प्रस्तुत
शोधपत्र –
2015– लोहिया महाविद्यालय
चूरूमे प्रस्तुत–
प्रातिशाख्यों पर आधुनिक जगत् में
हुए शोध
कार्य।
2014– राष्ट्रिय संस्कृत
संस्थानमे प्रस्तुत– संस्कृत में अनूदित
फ़ारसी साहित्य।
2011 – संस्कृत
विभाग दिल्ली
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठीमे प्रस्तुत–
मौलाना रूमी
की मस्नवी
में पञ्चतन्त्र
की प्रस्तुति
।
2011– शिब्ली कालेज
आजमगढ द्वारा
आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय
संगोष्ठीमे प्रस्तुत
–
संस्कृत साहित्य
में मुहम्मद
।
2011– अन्तर्राष्ट्रिय संस्था वेव्स द्वारा आयोजित
संगोष्ठीमे प्रस्तुत –
वेदान्त का
आधुनिक जीवन
में उपयोग
।
2010– इन्द्रप्रस्थ महाविद्यालय,
दिल्ली विश्वविद्यालय
द्वारा आयोजित
संगोष्ठीमे प्रस्तुत –
वेदाध्ययन में
व्याकरण का
योग ।
2010– लेडी इर्विन
कालेज , दिल्ली
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित संगोष्ठीमे प्रस्तुत–
प्राचीन भारतीय
शिक्षा प्रणाली
।
2009– लेडी इर्विन
कालेज , दिल्ली
विश्वविद्यालय द्वारा आजित संगोष्ठीमे प्रस्तुत–
जीवन पद्धति
के रुप
में भारतीय
दर्शन – एक
विहंगम दृष्टि
।
2008– मिराण्डा हाउस
, दिल्ली विश्वविद्यालय
द्वारा आयोजित
संगोष्ठीमे प्रस्तुत–
आधुनिक
संस्कृत साहित्य
में छन्दों
की प्रवृत्ति
।
कार्यशालायें–
2015– संस्कृत विभाग
, दिल्ली विश्वविद्यालय
द्वारा आयोजित विभिन्न
दर्शनमे
प्रतिबिम्बित मीमांसाक
सिद्धान्त विषयपर कार्यशाला।
2011– संस्कृत विभाग
, दिल्ली विश्वविद्यालय
द्वारा आयोजित
वाक्यपदीयपर आयोजित
कार्यशाला ।
2011– संस्कृत विभाग,
काशी हिन्दू
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ब्रहमसूत्रपर आयोजित
कार्यशाला ।
2011– ईरान सांस्कृतिक
भवन , दिल्ली
द्वारा आयोजित
फ़ारसी तथा
सामान्य पाण्डुलिपि
विज्ञानपर आयोजित
कार्यशाला ।
2009– दिल्ली विश्वविद्यालयक
उच्चशिक्षा विकास विभाग द्वारा आयोजित
ओरियेण्टेशन
कोर्स ।
2006– सर्वदर्शनसंग्रह
विभाग , लाल
बहादुर शास्त्री
संस्कृत विद्यापीठ द्वारा
आयोजित
माथुरी पञ्चलक्षणीपर
कार्यशाला ।
प्रकाशन –
2014– मुहतशम काशानीक
फ़ारसी मर्सिया
केर हिन्दी
पद्यानुवाद– रामपुर रज़ा लाइब्रेरी,
रामपुर, उत्तरप्रदेश।
2013–अमृतरस– एक
जायज़ा , उर्दू
शोधपत्र, तस्फ़िया
इण्टरनेशनल जर्नलमे प्रकाशित।
2013– शाकुन्तल–
एक फ़ारसी रूपान्तरण, नाट्यम् मे
प्रकाशित ।
2013– भारतीय तथा
पाश्चात्त्य वाक्यार्थ सिद्धान्त – प्रतिभा प्रकाशन,
दिल्ली ।
2013 – कल्पवल्ली
(आधुनिकसंस्कृतकाव्यसंकलन)मे सात
टा कविता
प्रकाशित – साहित्य
अकादमी ।
2012– पञ्चतन्त्र व
मौलाना, फ़ारसी
शोधपत्र, मेह्रो
नाहीद
शोधपत्रिकामे, तेहरान, ईरानसँ
प्रकाशित।
2011 – ‘इश्क ओ
आतश’ ( फ़ारसी
कविताक संग्रह
) –मिदहत प्रकाशन
, तेहरान ,ईरान ।
2010–2011– तीन
कवितायें अर्वाचीन
संस्कृतम् मे प्रकाशित ।
2009– ‘आधुनिक संस्कृत
साहित्य संचयन’
( आधुनिक संस्कृत
रचना सभहँक
संग्रह ) –
विद्यानिधि
प्रकाशन , दिल्ली ।
2009– पण्डित अम्बिका
दत्त व्यासजीक
जन्म
सार्द्धैकशतीक अवसरपर स्मारिका
केर
सम्पादन तथा
प्रकाशन ।
2008– हिन्दी कवि
राजेश जोशी
पर आधारित
पुस्तकमे एकटा
लेख – ‘नीतिशतक
– एक
पुनर्रचना’ केर
प्रकाशन ।
शीघ्रप्रकाश्य–
1– संस्कृत
काव्य ‘लघुसन्देशकाव्यम्’
– राष्ट्रियसंस्कृतसंस्थान , दिल्लीसँ ।
2– फ़ारसी
गजलक नवीन
संकलन – ईरानकल्चर
हाउस , दिल्लीसँ।
भाषाज्ञान–
1–हिन्दी – अवगमन,
संवाद, लेखन
, पठन, रचनात्मक
लेखन ।
2– संस्कृत – अवगमन,
संवाद, लेखन
, पठन, रचनात्मक
लेखन ।
3– अंग्रेजी – अवगमन,
संवाद, लेखन
, पठन ।
4– फ़ारसी – अवगमन,
संवाद, लेखन
, पठन, रचनात्मक
लेखन ।
5– उर्दू
– अवगमन, लेखन , पठन, रचनात्मक
लेखन ।
एकर अतिरिक्त
प्राकृत तथा
अपभ्रंशों मे हस्तक्षेप ।
ऐ सभहँक
अतिरिक्त दिल्लीक
अनेक महाविद्यालय
सभहँक सांस्कृतिक
प्रतियोगिता सभमे अनेकशः निर्णायकक तौरपर
आहूत एवं
अनेक सांस्कृतिक
समितिक पदाधिकारी
।
हिनक दू टा
रचना--
१
तेरे रू-ए-रौशन को
शम्स[1] ही
कहा जाये
रात की तरह
गेसू गर
न गिर्द
हों छाये
जब उलझ गयीं
ज़ुल्फ़ें आपकी ख़यालों से
तब तब अपनी
नज़्मों के
ज़ुल्फ़ हमने
सुलझाये
तोड़ दो मनादिर[2]
को तोड़
दो मसाजिद[3]
को
ताकि लामकाँ[4] अपने
हर मकाँ
में रह
पाये
मेरे शेर ऐसे
हैं जिस
तरह कोई
बच्चा
कहना और कुछ
चाहे और
कुछ ही
कह जाये
मेरे शेर जिसके
हैं वो
भी जाने
महफ़िल काश
साथ साथ मह्फ़िल
के मेरे
शेर सुन
पाये
[1] सूरज
[2] मन्दिरों
[3] मस्जिदों
[4] गृहविहीन (परमेश्वर)
२
आशिक़ हुए, असीर[1]
हुए, मुब्तिला[2]
हुए
देखो तुम्हारे इश्क़
में, हम
क्या थे
क्या हुए
फ़रहादे कोहकन[3] हो
कि मजनूँ
फ़िगारतन[4]
हम आशिक़ी में
सबसे बहुत
पेशपा[5] हुए
खींचे है ताबे
इश्क़ तो
रोके है
उसको शर्म
इक मुल्के हुस्ने
नाज़ पे
दो पेशवा[6]
हुए
ईफ़ा ए अह्दे
चर्ख़[7] तग़य्युर[8]
है इसलिये
जितने भी बे
वफ़ा हुए
सब बा
वफ़ा हुए
मारे थे जितने
पहले रक़ीबाने
तेग़ज़न[9]
सब इस जनम
में ले
निगहे सुर्मासा[10]
हुए
[1] बन्दी
[2] दुर्गति ग्रस्त
[3] पहाड़ काटने वाला
फ़रहाद
[4] क्षतविक्षतशरीर मजनूँ
[5] आगे
[6] हाकिम
[7] भाग्यचक्र की शर्तें
मानना
[8] परिवर्तन
[9] तलवारबाज़ दुश्मन
[10] कजरारी
हिनक फारसी रचना
पढ़बाक लेल
ऐठाम आउ--http://drbshukla.blogfa.com/