शनिवार, 31 अक्टूबर 2015

गजल

जंगलराज दंगाबाज
जी महराज जै महराज

छै बेकूफ देशक लोक
नेता लग ने कनियों लाज

फरसा आनि गरजै खूब
मंतर कटि मरै नेमाज

नेता नीक बेटा नीक
जनता सभकेँ अतबे काज

अनचिन्हार गाबै खूब
कुर्सी गीत सत्ता साज

सभ पाँतिमे 2221+2221 मात्राक्रम अछि
दोसर चारिम शेरक दोसर पाँतिमे एक-एकटा दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि

सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों