काल बड़का जोधिन छै
फनफनाइत नागिन छै
भूख नै सहि सकलहुँ तँइ
लोक कहलक पापिन छै
देह नवका जोगी सन
मोन नवकी जोगिन छै
शब्द जैठाँ जनमै खूब
अर्थ तैठाँ बाँझिन छै
आब तोहूँ अनचिन्हार
भाग हमरे सौतिन छै
सभ पाँतिमे 2122-222मात्राक्रम
अछि
चारिम आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक
अंतिम लघुकेँ छूट मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
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