गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

गजल

काल बड़का जोधिन छै
फनफनाइत नागिन छै

भूख नै सहि सकलहुँ तँइ
लोक कहलक पापिन छै

देह नवका जोगी सन
मोन नवकी जोगिन छै

शब्द जैठाँ जनमै खूब
अर्थ तैठाँ बाँझिन छै

आब तोहूँ अनचिन्हार
भाग हमरे सौतिन छै


सभ पाँतिमे 2122-222मात्राक्रम अछि
चारिम आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ छूट मानल गेल अछि

सुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों