देखियौ टुक टुक ताकै छै काठक बनल लोक
मोनमे सब किछु राखै छै काठक बनल लोक
पाँजरक हड्डी झलकै छै चामक तरसँ आब
नै किछो तइयो बाजै छै काठक बनल लोक
नै किछो तइयो बाजै छै काठक बनल लोक
अपन फाटल बेमायक दर्दसँ नै कराहैत
महल अनकर टा साजै छै काठक बनल लोक
महल अनकर टा साजै छै काठक बनल लोक
आगि छातीमे ठंढ़ा पड़ि गेलै लहकि लहकि
फूसियों मुस्की मारै छै काठक बनल लोक
फूसियों मुस्की मारै छै काठक बनल लोक
कर्ज नोरक नै ककरो लग बाकी रहत आब
"ओम" कखनो नै कानै छै काठक बनल लोक
"ओम" कखनो नै कानै छै काठक बनल लोक
2-1-2-2, 2-2-2-2, 2-2-1-2, 2-1 मात्रा क्रम प्रत्येक पाँतिमे।
अपन फाटल बेमायक दर्दसँ नै कराहैत
जवाब देंहटाएंमहल अनकर टा साजै छै काठक बनल लोक
ई शेर जबरदस्त अछि। के कहैए जे साम्यवादी रचना खाली मुक्तेछंदमे संभव छै। हुनका सभकेँ ऐठाम देखबाक चाही
ओना अपन, आ महल ऐ दू शब्दकेँ उच्चारणक हिसाबें 12 मानलासँ बेसी गति आबै छै। 21 मानलासँ गति रूकै छै।