गुरुवार, 28 जनवरी 2016

गजल

बाल गजल

अब्बा पीटै अम्मी चाहै हमरा
खाला भगबै मामू डाँटै हमरा

चुप्पे गेलहुँ घुमि एलहुँ मेला तँइ
बड़का भैया मारै पीटै हमरा

सभ दिनमे चलि एन्नी ओन्नी चलि जाइ
खाली दादा दादी राखै हमरा

हमरो आपा आबै गाबै नाचै
तँइ ओ सुंदर सुंदर लागै हमरा

सुंदर काकी देलथि अरफी बरफी
तँइ कक्का हँसुआ लऽ कऽ काटै हमरा


सभ पाँतिमे दस टा दीर्घ अछि।
तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि। टू टा लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
खाला= मौसी
आपा=बड़की बहीन

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों