शनिवार, 22 अक्टूबर 2016

गजल

इम्हर उम्हर बहसल बात
बड़ दुख दैए सनकल बात

खाली खाली हुनकर मूँह
उड़िए गेलै उघरल बात

हुनका भेटनि सौंसे सौंस
हमरा भेटै चनकल बात

दाबल रहतै तैयो भाइ
सुनबे करबै निरसल बात

झुट्ठा चकमक चकमक दीप
सचकेँ मानू झलफल बात

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि
एही रदीफ काफियापर हमर एकटा पुरान गजल सेहो अछिसुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों