सोमवार, 24 अक्टूबर 2016

गजल

इल्ली दिल्ली पटना राज
सौंसे पसरल गदहा राज

अपना मोने हमहीं पंच
के जानैए विधना राज

बहुते भेलै गंगा जमुना
हमरा चाही कमला राज

आगू पाछू छै खरमास
तइपर एतै भदबा राज

पंडित मुल्ला जनते बीच
तँइ सभ चाहै फतबा राज


सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि
तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों