शुक्रवार, 6 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-28

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू। 2122-2122-2122-2 हरेक पाँतिमे अछि। फिल्म "पहचान" केर गीत अछि। गीतकार छथि नीरज। संगीतकार छथि शंकर-जयकिशन । गायक मुकेश। ई फिल्म 1969 मे आएल रहै जाहिमे मनोज कुमार, बबीता आदि कलाकार छलथि।



बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ

एक खिलौना बन गया दुनिया के मेले में
कोई खेले भीड़ में कोई अकेले में
मुस्कुरा कर भेंट हर स्वीकार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ   ...

मैं बसाना चाहता हूँ स्वर्ग धरती पर
आदमी जिस में रहे बस आदमी बनकर
उस नगर की हर गली तैय्यार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ   ...

हूँ बहुत नादान करता हूँ ये नादानी
बेच कर खुशियाँ खरीदूँ आँख का पानी
हाथ खाली हैं मगर व्यापार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ   ...

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों