घूस खा कऽ गरीबपर जिंदा गजल लिखू
होटल बैसि कऽ चिकेन अंडा गजल लिखू
धूप दीप ताम्बूल यथाभाग यथाविधि
छद्म पादरी मुल्ला पंडा गजल लिखू
हमहीं करबै मिथिलाक उद्धार बुझियौ
कने कसि कऽ टोकनपर चंदा गजल लिखू
जँ नै आबै भाषण जकाँ तेजी तँ सुनू
बैसल विकासे जकाँ मंदा गजल लिखू
ई सच जे साहित्य छै समाजक दर्पण
दर्पणमे मूँह देखि घंटा गजल लिखू
सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
होटल बैसि कऽ चिकेन अंडा गजल लिखू
धूप दीप ताम्बूल यथाभाग यथाविधि
छद्म पादरी मुल्ला पंडा गजल लिखू
हमहीं करबै मिथिलाक उद्धार बुझियौ
कने कसि कऽ टोकनपर चंदा गजल लिखू
जँ नै आबै भाषण जकाँ तेजी तँ सुनू
बैसल विकासे जकाँ मंदा गजल लिखू
ई सच जे साहित्य छै समाजक दर्पण
दर्पणमे मूँह देखि घंटा गजल लिखू
सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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