शुक्रवार, 27 मार्च 2020

गजल

घूस खा कऽ गरीबपर जिंदा गजल लिखू
होटल बैसि कऽ चिकेन अंडा गजल लिखू

धूप दीप ताम्बूल यथाभाग यथाविधि
छद्म पादरी मुल्ला पंडा गजल लिखू

हमहीं करबै मिथिलाक उद्धार बुझियौ
कने कसि कऽ टोकनपर चंदा गजल लिखू

जँ नै आबै भाषण जकाँ तेजी तँ सुनू
बैसल विकासे जकाँ मंदा गजल लिखू

ई सच जे साहित्य छै समाजक दर्पण
दर्पणमे मूँह देखि घंटा गजल लिखू

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों