मंगलवार, 24 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-29

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू।  हरेक पाँतिमे 1222-1222 मात्राक्रम अछि। फिल्म "नसीब" केर गीत अछि। गीतकार छथि समीर। संगीतकार छथि नदीम-श्रवण । गायक कुमार शानू। ई फिल्म 1997 मे आएल रहै जाहिमे गोविंदा, ममता कुलकर्णी, सईद जाफरी आदि कलाकार छलथि।

कभी जो भूलना चाहूं
न जाने क्यूं मेरे दिलबर
मुझे तुम याद आते हो
मुझे तुम याद आते हो


कभी सावन के मौसम में
अगर गाए कहीं कोयल
किसी मेहंदी की टहनी पर
न जाने क्यूं मेरे दिलबर
मुझे तुम याद आते हो


किसी के हाथ से छूटे
अगर शीशे का पैमाना
छलक जाए अगर सागर
न जाने क्यूं मेरे दिलबर
मुझे क्यूं याद आते हो

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--
नोट-मुझे तुम याद आते हो प्रसिद्ध शब्दावली छै नसीब फिलमसँ पहिने एकटा रचना नुसरत फतेह अली द्वारा गएल गेल छै आ नसीब फिल्म बाद सेहो "भीड़ में तन्हाइ में" सन गीतमे एकर प्रयोग भेल छै। 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों