शुक्रवार, 25 जून 2021

गजल

लुटाबी कते
बचाबी कते

बहुत गप्प छै
सुनाबी कते

नयन जे कहै
नुकाबी कते

करेजा अपन
दुखाबी कते

बचै नै तखन
कमाबी कते

हुनक यादमे
बहाबी कते

122-12

गुरुवार, 24 जून 2021

गजल

कर्मक चक्का रूकए नै
आशक पैडिल टूटए नै

सत्यक पथमे कष्ट रहतै
हिम्मत कखनो छूटए नै

जीवक हत्या जे करै छथि
गरदनि माला शोभए नै

जकरा जत्ते भूख तहिना
तकरा कहियो पूरए नै

विद्या धन सन कोन धन छै
चोरो डाकू लूटए नै

(2222-2122)

बुधवार, 23 जून 2021

गजल

या तँ राखि ले अपना लग
या तँ आबि जो हमरा लग

साज बाज बहुते बजबै
भोर साँझ ओ बहिरा लग

किछु विकास खातिर हमहूँ
आबि गेल छी चिकबा लग

आरि खेतमे झगड़ा छै
पंच बनि कऽ छी हत्था लग

नेह छोड रखलक बहुते
फेर गेल ओ अनका लग

सभ पाँतिमे 212-122-22 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

मंगलवार, 22 जून 2021

गजल

के छै अप्पन के छै आन
कनियो नै अछि तक्कर भान

गलती नै छै झाँपै जोग
कसगर तखने पकड़ी कान

रहती घरमे लक्ष्मी खूब
कहियो कहियो करियौ दान

गरदनि निच्चा राखू थोड़
सभठां तैं भेटत सम्मान

पीबै छी जे जीवन नर्क
त्यागू जल्दी मदिरा पान

बहरे विदेह 22-22-22-21

गुरुवार, 17 जून 2021

गजल

तकियाक तूर सन दबाएल छी कतेको बेर
अप्पन अछैत हम बझाएल छी कतेको बेर

बूझैत सभ अकान छी देखि ई समाजक खेल
परतारि बाल सन ठकाएल छी कतेको बेर

जीवन बहुत नचेलकै नाच के करत प्रतिकार
पीलहुँ कहाँ मुदा झखाएल छी कतेको बेर

आयल विपति बनाक' रस्ता सहैत रहलौं खूब
उठबैत बोझ थड़-थड़ाएल छी कतेको बेर

ठोकर सिखा रहल कते डेग डेग पर अभिलाष
दुख केर आँचमे पकाएल छी कतेको बेर

२२१-२१२-१२२-१२१-२२२१ मात्राक्रम अछि सभ पाँतिमे

सोमवार, 14 जून 2021

गजल

प्रश्न एलै गरीबक
पास भेलै विधायक

बेरपर तोड़ि दैए
चालि केहन बजारक
छै बहुत दाम एकर
नोर छी हम अमीरक

ओ गला देत कहियो
दालि छी हम दियादक

डूबि गेलै नशामे
नाम सत्ता अराजक

सभ पाँतिमे 2122-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

बुधवार, 9 जून 2021

गजल

वचन सूनि बुझलहुँ देवता विशारद
करम देखि बुझलहुँ आपदा विशारद

जते जे सुनेलथि नीक मीठ बोली
कहीं ने कहीं छथि वेदना विशारद

बहुत बेर पुजलक पर्व लाकडाउन
मजा मारि रहलै साम्यता विशारद

कहीं देखि शायद धारणा बनल छै
कुकर्मेसँ जीबै चेतना विशारद

रहल दूर दूरे ज्ञान गुण करीबी रहल आस पासे सूचना विशारद

सभ पाँतिमे 122-122-212-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

बुधवार, 2 जून 2021

गजल

संस्था संस्था खेलब बहिना
सदिखन सभटा लूटब बहिना

दुखमे सुखमे की छै हालति
अपने सन से बूझब बहिना

अट्टा पट्टा कुर्सी सत्ता
कह ने की की राखब बहिना

असगर आँगन हमहूँ असगर
अपने लग की बाजब बहिना

ई नाटक छै बस नाटक छै
फाटल परदा घीचब बहिना

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि। 

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों