बुधवार, 9 जून 2021

गजल

वचन सूनि बुझलहुँ देवता विशारद
करम देखि बुझलहुँ आपदा विशारद

जते जे सुनेलथि नीक मीठ बोली
कहीं ने कहीं छथि वेदना विशारद

बहुत बेर पुजलक पर्व लाकडाउन
मजा मारि रहलै साम्यता विशारद

कहीं देखि शायद धारणा बनल छै
कुकर्मेसँ जीबै चेतना विशारद

रहल दूर दूरे ज्ञान गुण करीबी रहल आस पासे सूचना विशारद

सभ पाँतिमे 122-122-212-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों