शनिवार, 16 दिसंबर 2023

गजल

हँसि क’ तोरब मोन नहि हम सीखने छी

नहि  करेजामे सभक घर छेकने छी

 

हम तँ लूटेलौ जतय तन मन जनम भरि

हाथ हुनकर बहुत माहुर चीखने छी 

 

आश छल अपनो समयमे  रंग हेतै

दूर रंगक  ओहि टोलसँ एखने छी

 

कीनबाकेँ लेल शहरक वास दू धुर

चास गामक तीन बीघा बेचने छी

 

करु शिकाइत एहि दुनियाकेँ कते ‘मनु

लैत मीतक  जान  सगरो  देखने छी

(बहरे रमलमात्राक्रम 2122-2122-2122)

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु

रविवार, 26 नवंबर 2023

गजल

टोपीमे लगै  बुढ़ा  झक्कास छै
बुढ़िया बिन अछैते मरै  नै आस छै 

गामक आइ केहन असल रखबाड़ छै 
एको धुर बचल ओकरा नै चास छै

शिक्षा केर घरमें बिकाइ ज्ञान छै
आजुक राजनीतिक कतेक बिनास छै 
 
पूजै लेल  कन्या तकै सब लोक छै
बनबे लेल कनियाँ तकै अरदास छै

बाबू माय एने बजट बिगड़ैत छै
साढ़ू सारि ‘मनु’ बैंक खासम खास छै

मात्राक्रम : 2221-2212-2212 सभ पाँतिमे। तेसर शेरकेँ दोसर पाँतिमे दूटा अलग अलग लघुकेँ दिर्घ मानक छूट लेल गेल अछि।

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

गुरुवार, 23 नवंबर 2023

गजल

सबूतक कमी नै निशानक कमी नै
दरेगक कमी छै फरेबक कमी नै

रहल लाश सड़िते हमर संग अनको
चिता के कमी या जमीनक कमी नै

कहींपर बुझौअलि कहींपर पहेली
समय साल कोनो रहस्यक कमी नै

कतौ भूख नै छै कतौ रोग नै छै
कहत बात ईहो गवाहक कमी नै

सही लेल दुनियाँ अभावे गनेलक
गलत लेल देखू कुबेरक कमी नै

सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

बुधवार, 22 नवंबर 2023

रुबाइ


आपस क दे ओ हमरा  हमर बितल दिन

किरया तोरा  दे   ओ सगर बितल दिन 

आब ताकै  कतौ नहि  भेटतौ तोरा 

खुशीसँ ‘मनु’क संग जे तोहर बितल दिन 

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

 

मंगलवार, 21 नवंबर 2023

रुबाइ


हे कृष्ण गोविंद मुरारी मिता हमर 

सगरो दुनिया केर मालिक पिता हमर

छोरि ‘मनु’क करेजा किएक तू गेलअ

घुरि आबअ नहि तँ सजत आब चिता हमर

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

 

गुरुवार, 16 नवंबर 2023

रुबाइ


तोरा नहि हम छोड़लौं नहि हम बेवफा

तोरा बिन नहि मरलौं नहि हम बेवफा 

प्राण गेल तोहर बुझि नहि जीवैत ‘मनु’ 

बिन काठीए जरलौं  नहि हम बेवफा 

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

 

मंगलवार, 14 नवंबर 2023

रुबाइ


मीरा केर हरने अहाँ कते दुख छी 

साग खाय विदुरकेँ भेल बड्ड सुख छी 

हे माधव ‘मनु’ केर अपन भक्ति दय दिअ 

सबसँ सुन्नर दुनियामे अहाँक मुख छी 

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023

गजल

रसिकता छै बहुत बेसी जमानामे
आ लुच्चा छै बहुत बेसी जमानामे

हमर हक मारि बैसल छै हगलगंडा
कमीना छै बहुत बेसी जमानामे

असली भूख लगने भेटि जेतै रस
गुजारा छै बहुत बेसी जमानामे

गलत गलते रहत सभदिन सही कारण
तरीका छै बहुत बेसी जमानामे

कहल आ बेकहल दुन्नू दिशा देखू
नमूना छै बहुत बेसी जमानामे

घटल छै लक्ष्य दुनियाँमे मुदा इम्हर
निशाना छै बहुत बेसी जमानामे

घटा देलक हटा देलक मिटा देलक
तमाशा छै बहुत बेसी जमानामे

जरूरी नै जे हुनके लग दया बाँचल
विधाता छै बहुत बेसी जमानामे


सभ पाँतिमे 1222-1222-1222 मात्राक्रम अछि। ई बहरे हजज मोसद्दस सामिल अछि (एकरा बहरे हजज सालिम छह रुक्नी सेहो कहल जाइत छै)। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023

रुबाइ


पाथर करेजा हमर प्रभु कोमल करु

एतअ रहि अहाँ एहेन सिनेहल करु

संसारक जंजालसँ मुक्ति दय ‘मनु’केँ

अपने चाकरीमे  सदिखन राखल करु 

✍🏻  जगदानन्द झा ‘मनु’

बुधवार, 25 अक्टूबर 2023

रुबाइ


दुनिया जँ नै पुछलक तँ कोनो बात नै

मोन रही अहाँके तेहनो बात नै 

आइ सगर समाज चिन्है धनीकेकेँ

‘मनु’केँ जँ जाइ बिसरि एहनो बात नै 

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

गजल

खड़ाम पैरमे नहि  अकास मोनमे छल

कुहास बहुत बाहर  इजोत टोनमे छल 

 

टएरकेँ चलाबी गरीब तेँ बुझू नहि 

हमर अपन सगर धन अहाँक लोनमे छल 

 

किएक आनके दुख  बुझत चलाक  नेता

हुनक सगर बुढ़ापा तँ   सेफ जोनमे छल 

 

सिनेह शांति  सबटा जगतसँ  गेल हेरा

अखनसँ नीक बेसी मनुष्य बोनमे छल 

 

पतंग  पाछु  भागैत   मनुक  हर्ख देखू

पुतौह केर जेना  बहिनसँ  फोनमे छल 

(मात्राक्रम 121-2122-121-2122, सभ पाँतिमे)

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023

गजल

श्यामल सुंदर हियधर राजा
राघव राजा प्रियवर राजा

कौशल्या प्रिय दशरथ नंदन
चंदन लेपित मधुकर राजा

श्री सीतापति हनुमत सेवित
भ्राता पूजित जयकर राजा

शाश्वत वेदात्मा परमात्मा
सभ गुण आगर हरिहर राजा

देव उचारै राम रमाकर
लोक उचारै रघुवर राजा


-अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ एक दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे-मीर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

मंगलवार, 26 सितंबर 2023

गजल

आर या पार किछु तऽ हेतै
बीच दरबार किछु तऽ हेतै

मारि भेलै मुदा तकर जड़ि
कवि पुरस्कार किछु तऽ हेतै

काज ओकर भऽ जाइ पूरा
तेज तर्रार किछु तऽ हेतै

घीचि रहलै समय समयपर
डीह डिहबार किछु तऽ हेतै

काटि देने रहै भिरा कऽ
जीह तलवार किछु तऽ हेतै


सभ पाँतिमे 212-212-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

सोमवार, 25 सितंबर 2023

गजल

आइ राजा उदास रहतै
काल्हि चमचा उदास रहतै

आब के केकरा धऽ बैसत
आस अहिना उदास रहतै

बालु गिद्टी खसल पड़ल छै
घास पथिया उदास रहतै

छद्म रस केर आस रखने
रंग रसिया उदास रहतै

छन घड़ी पल पहर मिनट लेल
पूरा महिना उदास रहतै

सभ पाँतिमे 212-212-122 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक दूनू पाँतिमे गजलक मान्य छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

 

गुरुवार, 14 सितंबर 2023

गजल

आबि सभटा गेल अहिना
चलि रहल धुरखेल अहिना

तेज घसकल काज भेने
छै सटल बकलेल अहिना

लोक देखाँउस करैए
घटि रहल छै तेल अहिना

सत्य माँगै त्याग बहुते
झूठ ठेलमठेल अहिना

माटि ईगो खाद कुंठा
बढ़ि रहल विषबेल अहिना

सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शनिवार, 12 अगस्त 2023

गजल

भहरल भीत नै उठाउ यौ पाहुन 

जर्जर टाट  नै सटाउ यौ पाहुन 

 

खाली छाड़बै  उछेहबै भरि दिन 

चार चुबैत  नै बचाउ यौ पाहुन 

 

पाकल काँच जेहने धरे भरिमे 

बाहर नाक नै कटाउ यौ पाहुन 

 

धधकै आगि खड़ खड़ेल पजरल छै

पाइन ढारि नै जराउ यौ पाहुन 


सगरो खाम   गेल सड़ि  हबेलीके 

‘मनु’केँ हँसि क  नै बजाउ यौ पाहुन 

(मात्राक्रम- 2221-212-1222 सभ पाँतिमे। दोसर शेरकेँ, दोसर पाँतिमे दू टा लघुकेँ दिर्घ मानक छूट लेल गेल अछि)

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

सोमवार, 24 जुलाई 2023

गजल

अपन दूरी अपने नपैए टिटिम्भा
बुड़ित्वक शिखर सन लगैए टिटिम्भा

हरा ने सकब ओकरा मानि लिअ ई
समाजक बलें जे जिबैए टिटिम्भा

रहै लोभ बहुतक तही लेल देखू
धनी केर जुत्ता चटैए टिटिम्भा

अगम बाटपर सत्य साधक चलै छथि
सुगम बाटपर उड़ि चलैए टिटिम्भा

गरीबी कनेने रहै ओकरा तँइ
गरीबक शिकारी बनैए टिटिम्भा

हमर हो अहाँ केर हो वा कि किनको
सदति मोनमे बसि रहैए टिटिम्भा

सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि। मतलामे मान्य छूट लेल गेल अछि। ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

गुरुवार, 15 जून 2023

गजल

अहाँ सुनबै जँ नहि  हम केकरा कहबै

पिया जुलमी हमर दुख हम कते सहबै 

 

सखी बहिना  अहाँके प्रेममे छूटल 

पिया हम आब कोना असगरे रहबै

 

निहोड़ा आब करु हम कोन विधि सजना 

सगर उसरैग एही भक्त पर ढहबै

 

विरहके आगिमे जरि मरि रहल छी हम

अहाँ आइब करेजामे कखन गहबै

 

रहत नेहक वचन नै यादि ‘मनु’ जा दिन

जहर माहुर अछैते पानिमे बहबै 

(बहरे हजज, मात्रा क्रम 1222-1222-1222)

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

 

सोमवार, 22 मई 2023

गजल

जइ समय जइ काल दुश्मन जा रहल छल जान लेने
ठीक तखने दोस पहुँचल ढेर ढाकी ज्ञान लेने

पाइ जेबीमे नै रहने बुझि लियौ उन्टे रहत गति
मूँह पाकत पानि पीने हाथ पाकत चान लेने

ओकरा हमहीं सिखेलहुँ रूप बदलब रंग बदलब
अंतमे चलि गेल हमरे मूँह हमरे कान लेने

मूर्ख चुनि लिअ यदि अहाँकेँ अछि जगतमे सुखसँ रहबाक
खूब पछताइत रहब हमरे जकाँ विद्वान लेने

नौकरीसँ प्राण बाँचल छै गरीबक बात मानू
देखि लिअ हालति हुनक जे सभ रहथि खरिहान लेने

सभ पाँतिमे 2122-2122-2122-2122 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रमल मोसम्मन महजूफ़ अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। दू शेरमे गजलक मान्य छूट लेल गेल अछि। 

बुधवार, 1 मार्च 2023

गजल

जँ हम मरि जाइ कनिको नै अहाँ कानब 

बितल जे संग ओ सगरो  खुशी गानब 

 

करेजामे नुकोने छी कतेको दुख 

हमर सामर्थ जे मुँहपर हँसी आनब

 

जहर पी दर्द के हम चिन्हलौ दुनियाँ

नदीमे ठेल सिखने लोक अछि छानब 

 

द कर्जा मांगि देखू एक दिन ककरो 

सगर दुनियाँक माया छन्नमे जानब 

 

सिनेह प्रेम दोस्ती नाम मतलबकेँ 

कपट ‘मनु’ भेषमे सब एतए दानब

(बहरे हजज, मात्राक्रम : 1222-1222-1222)

 ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023

गजल

भरोसपर जते टुटल इजोरिया
अलग तते अलग रहल इजोरिया

मलाइ चाटि बेस फाटि गेल जे
बना रहल तकर महल इजोरिया

अधीर भेल नीक नीक लोक सभ
जखन जखन हुनक रुसल इजोरिया

बजारमे गुलाम भेल रौद सभ
मुदा कहीं टिकल रहल इजोरिया

जकर भरोसपर उड़ल अकासमे
तही विकास तर दबल इजोरिया

सभ पाँतिमे 12-12-12-12-12-12 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

भक्ति गजल

आई महाशिवरात्रि केर शुभ अवसर पर श्री शिवकेँ कृपासँ प्रस्तुत अछि एकटा शिव गजल, भक्ति गजल 

गजल 

चलू देखब हे बहीना शिवकेँ 

अपन गौरीकेँ सजनमा शिवकेँ 

 

सभक ई खाली भरै छथि झोली 

सरण आइब जे सुमरला शिवकेँ 

 

गरीबोकेँ छथि इहे सुननाहर 

दियौ जल भरि एक लोटा शिवकेँ 

 

मनुख दानव देव भूत प्रेतो 

सगर दुनिया मिल मनेला शिवकेँ 

 

सिया रामोकृष्ण हुनके पुजलनि 

बनेलनि सगरो अराध्या शिवकेँ 

 

कृपानिधि कैलाशवासी जय भव

चरण वंदन जग रचैता शिवकेँ 

 

मनोरथ सब पूर्ण करता शम्भू 

कहल ‘मनु’ जे मनसँ भजता शिवकेँ 

(मात्राक्रम- 1222-2/ 1222-2)

सुझाव, मार्गदर्शन व आलोचना सादर आमंत्रित अछि। की एही मात्राक्रमकेँ बहरे गोविंद मानल ज सकै छै ?

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

गजल

मात्र अर्पित करू भावना भक्तिमे
आर कोनो नै हो भूमिका भक्तिमे

डूबि गेलै सकल ओहदा भक्तिमे
भूतपति लोककर साधना भक्तिमे

पार्वती या उमा अम्बिका या सती
छै बनल किछु कथा उपकथा भक्तिमे

देहमे मोनमे प्राणमे छै बसल
सर्वगोचर सुधी चेतना भक्तिमे

दूर दूरे रहल ई निगेटिभ जगत
भेल हमरा बहुत फायदा भक्तिमे

शम्भु शंकर सदाशिव उमापति अभव
सर्वदा टारलनि आपदा भक्तिमे


सभ पाँतिमे 212-212-212-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम अछि। गजलमे मान्य छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

गजल

जखन कखनो जे सोचब हमरा

अपन लअगेमे पायब हमरा

 

गजल हमर शव्द बनि तनमनमे 
कचोटत तँ अहाँ ताकब हमरा 

 

बहुत दुर छी कोनो बाते नै

अपन मोनेमे देखब हमरा


दुनू दू तन  एक्के जिनगी छी

अहाँ कखनो नै बिसरब हमरा


अहाँकेँ हम छी कहलौं जे ‘मनु’

कि मुइला बादो मानब हमरा 

(बहरे गोविंद, मात्राक्रम : 12 22 22 22 2, सभ पाँतिमे। दोसर शेरकेँ दोसर पाँतिमे दूटा अलग-अलग लघुकेँ दिर्ध मानक छुट लेल गेल अछि)

 ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों