मात्र अर्पित करू भावना भक्तिमे
आर कोनो नै हो भूमिका भक्तिमे
डूबि गेलै सकल ओहदा भक्तिमे
भूतपति लोककर साधना भक्तिमे
पार्वती या उमा अम्बिका या सती
छै बनल किछु कथा उपकथा भक्तिमे
देहमे मोनमे प्राणमे छै बसल
सर्वगोचर सुधी चेतना भक्तिमे
दूर दूरे रहल ई निगेटिभ जगत
भेल हमरा बहुत फायदा भक्तिमे
शम्भु शंकर सदाशिव उमापति अभव
सर्वदा टारलनि आपदा भक्तिमे
सभ पाँतिमे 212-212-212-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम अछि। गजलमे मान्य छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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शनिवार, 18 फ़रवरी 2023
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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