शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

गजल

मात्र अर्पित करू भावना भक्तिमे
आर कोनो नै हो भूमिका भक्तिमे

डूबि गेलै सकल ओहदा भक्तिमे
भूतपति लोककर साधना भक्तिमे

पार्वती या उमा अम्बिका या सती
छै बनल किछु कथा उपकथा भक्तिमे

देहमे मोनमे प्राणमे छै बसल
सर्वगोचर सुधी चेतना भक्तिमे

दूर दूरे रहल ई निगेटिभ जगत
भेल हमरा बहुत फायदा भक्तिमे

शम्भु शंकर सदाशिव उमापति अभव
सर्वदा टारलनि आपदा भक्तिमे


सभ पाँतिमे 212-212-212-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम अछि। गजलमे मान्य छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों