ताहि बादो लोक सभ एना किए मरखाह छै
नोर हुनकर नोर हमरो फर्क भेटत किछु मुदा
नोर हुनकर देर धरि चुप आ हमर अगुताह छै
बाँस छीलल हो कि बेछिल्ले मुदा हेतै असरि
के कहाँ आ के कते से आब नै परवाह छै
आस टुटतै संग छुटतै बात ई बूझल रहै
संग तइयो देल कारण जिद्द बड़ जिदियाह छै
खकसियाहा केर चक्करमे हमर सपना रहल
फेर कहलह आँखि के सपने बहुत झड़काह छै
सभ पाँतिमे 2122-2122-2122-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रमल मोसम्मन महजूफ़ अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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