भेष हुनक भगवान सन
काज मुदा सैतान सन
बेटा बला के पंडित बूझू
बेटी बला जजमान सन
मँहगाइ बढ़ल छै तेना ने
सोहर लगैए समदाउन सन
तैआर नहि केओ राम बनबा लेल
मुदा सेवक तकैए हनुमान सन
देहे ने जिंदा छै भावना त मरि गेलै
सुआइत संसार लगैए श्मसान सन
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सोमवार, 26 जुलाई 2010
गजल
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