शनिवार, 25 दिसंबर 2010

मैथिली गजलशास्त्र - १२


गजल द्वारा किछु संदेश, किछु भावनात्मक अभिव्यक्ति, किछु जीवन दर्शन, सौन्दर्य आकि प्रेम ओ विरहक सौन्दर्य प्रदर्शित रहबाक चाही। किछु एहेन जे सायास नै अनायास होअए। तेँ गजल आन पद्य-कविता जेना- कहल जएबाक चाही, लिखल नै। लिखल तँ चित्र जाइत अछि- मिथिला चित्रकला लिखिया द्वारा लिखल जाइत अछि, संस्कृतमे हम कहै छिऐ- अहं चित्रं लिखामि। गजलक विषय अलग होइत अछि, गजलशास्त्रक अधारपर भजन लिख देलासँ ओ गजल नै भऽ जाएत। अरबीमे तँ गजलक अर्थे होइ छै स्त्रीसँ वार्तालाप। गजल प्रेम विरहक बादो, नै पौलाक बादो, लोकापवाद आ तथाकथित अवैध रहलाक उत्तरो प्रेमक रस लैत अछि। ई प्रेम भगवान आ भक्तक बीच सेहो भऽ सकैत अछि, शारीरिक आ आध्यात्मिक भऽ सकैत अछि। ई राधाक प्रेम भऽ सकैत अछि तँ मीराक सेहो। ई प्रेम दुनू दिससँ हो सेहो जरूरी नै। भावनाक उद्रेक आ संगमे गजल कहि कऽ आत्मतुष्टिक लेल गजलकार भावनाक उद्रेककेँ क्षणिक नै वास्तविक आ स्थायी बनाबथि तखने नीक गजल लिखि सकै छथि।
रुबाइ:



रुबाइक चतुष्पदीमे पहिल दोसर आ चारिम पाँती काफिया युक्त होइत अछि; आ मात्रा २० वा २१ हेबाक चाही।
रुबाइमे मात्रा २० वा २१ राखू। रुबाइक सभ पाँतीक प्रारम्भ दू तरहे शुरू होइत अछि- १.दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ (मफलु ।।U )सँ वा २.दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व (मफलुन ।।।) सँ। ओना फारसी रुबाइमे पाँती सभ लेल प्रारम्भक आगाँक ह्रस्व-दीर्घ क्रम निर्धारित छै, मुदा मैथिली लेल अहाँ २०-२१ मात्राक कोनो छन्द जे १.दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ (मफलु ।।U )सँ वा २.दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व (मफलुन ।।।) सँ प्रारम्भ होइत हो, तकरा उठा सकै छी। पाँती २० वा २१ मात्राक हेबाक चाही, (मफलु ।।U ) वा (मफलुन ।।।) सँ प्रारम्भ हेबाक चाही।
मुदा एक रुबाइक वाक्य सभक बहर वा छन्द/ लय एकसँ बेशी तरहक भऽ सकैए। चारू पाँतीमे सेहो काफियाक मिलान भऽ सकैए।

आन चतुष्पदी जाइमे पहिल दोसर आ चारिम पाँती काफिया युक्त होइत अछि मुदा मात्रा २०-२१ नै हुअए से रुबाइ नै
मैथिलीमे मुदा "कता"क परिभाषामे अओत जँ प्रारम्भ दीर्घ-दीर्घसँ हुअए मुदा छन्द आगाँ सरल वार्णिक, वार्णिक वा ,मात्रिक हुअए “कता”क प्रारम्भ दीर्घ-दीर्घसँ हुअए मुदा मात्रिक वा वार्णिकमे दुनूमेसँ कोनो एकमे शेर लिख सकै छी,  कमसँ कम दोसर चारिम पाँतीक काफिया मिलबाक चाही।
रुबाइक चतुष्पदीक चारिम पाँती भावक चरम हेबाक चाही।

रुबाइ
कारी अनहार मेघ, आ नै होइए
कत्तौ बलुआ माटि, खा नै होइए
दाहीजरती देखि, हिलोरै-ए मेघ
भगजोगनी भकरार, जा नै होइए

बहर आ छन्दक मिलानी

गजल कोनो ने कोनो बहर (छन्द) मे हेबाक चाही। वार्णिक छन्दमे सेहो ह्रस्व आ दीर्घक विचार राखल जा सकैत अछि, कारण वैदिक वर्णवृत्तमे बादमे वार्णिक छन्दमे ई विचार शुरू भऽ गेल छल:- जेना
तकैत रहैत छी ऐ मेघ दिस
तकैत (ह्रस्व+दीर्घ+दीर्घ)- वर्णक संख्या-तीन
रहैत (ह्रस्व+दीर्घ+ह्रस्व)- वर्णक संख्या-तीन
छी (दीर्घ) वर्णक संख्या-एक
(दीर्घ) वर्णक संख्या-एक
मेघ (दीर्घ+ह्रस्व) वर्णक संख्या-दू
दिस (ह्रस्व+ह्रस्व) वर्णक संख्या-दू

मात्रिक छन्दमे द्विकल, त्रिकल, चतुष्कल, पञ्चकल आ षटकल अन्तर्गत एक वर्ण (एकटा दीर्घ) सँ छह वर्ण (छहटा ह्रस्व) धरि भऽ सकैए।
द्विकलमे- कुल मात्रा दू हएत, से एकटा दीर्घ वा दूटा ह्रस्व हएत।
त्रिकलमे कुल मात्रा तीन हएत- ह्रस्व+दीर्घ, दीर्घ+ह्रस्व आ ह्रस्व+ह्रस्व+ह्रस्व; ऐ तीन क्रममे।
चतुष्कलमे कुल मात्रा चारि; पञ्चकलमे पाँच; षटकलमे छह मात्रा हएत।
वार्णिक छन्द तीन-तीन वर्णक आठ प्रकारक होइत अछि जे यमाताराजसलगम् सूत्रसँ मोन राखि सकै छी।
आब कतेक पाद आ कतऽ काफिया (यति,अन्त्यानुप्रास) देबाक अछि; कोन तरहेँ क्रम बनेबाक अछि से अहाँ स्वयं वार्णिक/ मात्रिक आधारपर कऽ सकै छी, आ विविधता आनि सकै छी।
वर्ण छन्दमे तीन-तीन अक्षरक समूहकेँ एक गण कहल जाइत अछि। ई आठ टा अछि-
यगण U।।
रगण U
तगण ।। U
भगण U U
जगण U U
सगण U U
मगण ।।।
नगण U U U

एहि आठक अतिरिक्त दूटा आर गण अछि- ग / ल
ग- गण एकल दीर्घ
ल- गण एकल ह्रस्व U
एक सूत्र- आठो गणकेँ मोन रखबा लेल:-
यमाताराजभानसलगम्
आब एहि सूत्रकेँ तोड़ू-
यमाता U।। = यगण
मातारा ।।। = मगण
ताराज ।। U = तगण
राजभा U = रगण
जभान U U = जगण
भानस U U = भगण
नसल U U U = नगण
सलगम् U U = सगण

बहरे मुतकारिब मुतकारिब आठरुक्न फ ऊ लुन (U।।) चारि बेर
वर्णवृत्त भुजंगप्रयात : प्रति चरण यगण (U।।) चारि बेर। बारह वर्ण। पहिल, चारिम, सातम आ दसम ह्रस्व, शेष दीर्घ। छअम आ आखिरी वर्णक बाद अर्द्ध-विराम।
बहरे मुतकारिब चारिरुक्न फ ऊ लुन (U।।) दू बेर
वर्ण वृत्त सोमराजी यगण (U।।) दू बेर। छह वर्ण। पहिल आ चारिम ह्रस्व, शेष दीर्घ। दोसर आ अन्तिम वर्णक बाद अर्द्ध-विराम।
मात्रिक रूप- प्रति चरण बीस मात्रा। पहिल, छअम, एगारहम आ सोलहम मात्रा ह्रस्व।
बहरे मुतदारिक मुतदारिक आठरुक्न फा इ लुन (।U।) चारि बेर
वर्ण वृत्त स्रग्विणी रगण (।U।) चारि बेर। बारह वर्ण। दोसर, पाँचम, आठम आ एगारहम ह्रस्व आ शेष दीर्घ। छअम आ आखिरी वर्णक बाद अर्द्ध-विराम।
मात्रिक रूप- प्रति चरण बीस मात्रा। तेसर, आठम, तेरहम आ अठ्ठारहम मात्रा ह्रस्व।

महजूफ: बहरे रमल मुसम्मन महजूफ फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। फा इ लुन । U
मात्रिक छंद गीतिका -प्रति चरण २६ मात्रा। तेसर, दसम, सत्रहम आ चौबीसम मात्रा ह्रस्व।

गीतिका-वर्णवृत्त २० वर्ण एकटा सगण, दूटा जगण, एकटा भगण, एकटा रगण, एकटा सगण, एकटा लगण आ एकटा गगण। तेसर, पाँचम, आठम, दसम, तेरहम, पन्द्रहम, अठारहम आ बीसम वर्ण दीर्घ आ शेष ह्रस्व। पाँचम, बारहम आ अन्तिम वर्णक बाद अर्द्ध-विराम।

महजूज: बहरे मुतदारिक मुसम्मन महजूज (एहिमे सभटा मुज़ाहिफ अरकान) फा इ लुन । U । फा इ लुन । U । फा इ लुन । U । फा ।
वर्ण वृत्त बाला-१० वर्ण। प्रति चरण रगण U तीन बेर आ फेर एकटा दीर्घ
मात्रिक रूप- प्रति चरण सत्रह मात्रा। तेसर, आठम, तेरहम मात्रा ह्रस्व आ आखिरीमे एक दीर्घ आकि दूटा ह्रस्व U

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

मैथिली गजलशास्त्र - ११


१.आब सामिल अराकानक आठरुक्नछःरुक्न - तीन बेर/ चारिरुक्न - दू बेरक प्रयोग देखब। ई सभ मुफरद बहर अछि माने रुक्नक बेर-बेर प्रयोग होइत अछि।
२.एकर अतिरिक्त सामिल अराकानक १२ टा मुरक्कब बहर अछि माने दू प्रकारक अरकानक बेर-बेर अएलासँ १२ सालिम बहर, संगीतक भाषामे मिश्रित। तीन तरहक अछि:- ४ रुक्नक बहर, ६ रुक्नक बहर, ८ रुक्नक बहर / मुरक्कब (मिश्रित) पूर्णाक्षरी (सालिम) बहर- १२ टा तवील, मदीद, मुनसरेह, मुक्तज़ब, मज़ारे, मुजतस, ख़फीफ, बसीत, सरीअ, जदीद, क़रीब, मुशाकिल
३.आ तकर बाद सामिल आ मुजाहिफ अराकान दुनूक मेलपेँचसँ बनल १२ टा बहर मख्बून, अखरब, महजूफ, मक्तूअ, मक्बूज, मुज्मर, मरफू, मासूब, महजूज, मकफूफ, मश्कूल, आ अस्लम बहरक चर्च होएत।
४.आ एहिमे मात्र मुजाहिफ अराकानसँ बनल बेशी प्रयुक्त चारिटा बहर (मुक्तजब, मजारे, मुजतस आ खफीफ) क चर्च करब।

१.आब सामिल अराकानक आठरुक्नछःरुक्न - तीन बेर/ चारिरुक्न - दू बेरक प्रयोग देखब। ई सभ मुफरद बहर अछि माने रुक्नक बेर-बेर प्रयोग होइत अछि।
बहरे मुतकारिब छःरुक्न फ ऊ लुन (U।।)तीन बेर

एके बेरमे जे कएलौं
बड़े भेर भेनेँ सुनेलौँ



बहरे मुतकारिब चारिरुक्न फ ऊ लुन (U।।) दू बेर

बड़ी दूर ठाढ़े
कनी दूर नाचे


बहरे मुतदारिक छःरुक्न फा इ लुन (।U।)तीन बेर

एकरे केलहा केलहीं
तैं अनेरे दुर्गा भेलहीं


बहरे मुतदारिक चारिरुक्न फा इ लुन (।U।) दू बेर

काहि काटी एतै
बात बाँटी एतै


बहरे हजज :- छःरुक्न म फा ई लुन (U।।।) तीन बेर

अनेरे भऽ गेलैं ऐ लड़ैले गै
तखैनो जे भऽ जेतै की गमैए गै


बहरे हजज :- चारिरुक्न म फा ई लुन (U।।।)दू बेर

कने बेगार बेमारी
कते की बात सुनाबी


बहरे रजज़ छःरुक्न मुस तफ इ लुन (।।U।) तीन बेर

ई जे धरा देखैसँ छै हेतै तँ नै
ई जे घटा घूमैसँ घूमै ने तँ नै


बहरे रजज़ चारिरुक्न मुस तफ इ लुन (।।U।) दू बेर

भोरे अएलै कोन गै
सोझे न एलै फोन गै

बहरे रमल छःरुक्न फा इ ला तुन (।U।।)तीन बेर

की गरीबो की धनीको तैँ सभे छी
की समीपो की कतेको जे घुमै छी

बहरे रमल चारिरुक्न फा इ ला तुन (।U।।)दू बेर

की कतेको बात भेलै
की जतेको लात खेलै

बहरे वाफ़िर छःरुक्न म फा इ ल तुन (UUU।) तीन बेर

कने ककरा कहेबइ आ बतेबइ की
जते सुनबै तते कहता बतेबइ की

बहरे वाफ़िर चारिरुक्न म फा इ ल तुन (UUU।)दू बेर

करेजक बात छै कतबो
करेजक हाल ई नञि हो

बहरे कामिल छःरुक्न मु त फा इ लुन (UUU।)तीन बेर

अनका कतौ कहबै कने सुनतै कहाँ
सुनि ओ बजौ करतै कने जितबै जहाँ

बहरे कामिल चारिरुक्न मु त फा इ लुन (UUU।) दू बेर

पहिले अनै तखने सुनै
कहबै कते कखनो करै


२.एकर अतिरिक्त सामिल अराकानक १२ टा मुरक्कब बहर अछि माने दू प्रकारक अरकानक बेर-बेर अएलासँ १२ सालिम बहर, संगीतक भाषामे मिश्रित। तीन तरहक अछि:- ४ रुक्नक बहर, ६ रुक्नक बहर, ८ रुक्नक बहर / मुरक्कब (मिश्रित) पूर्णाक्षरी (सालिम) बहर- १२ टा तवील, मदीद, मुनसरेह, मुक्तज़ब, मज़ारे, मुजतस, ख़फीफ, बसीत, सरीअ, जदीद, क़रीब, मुशाकिल
बहरे तवील लुन U।। मफालुन U।।।

कहेबै सुनेबै की मुदा जे कहेतै से
सुनेतै उकारो की मुदा जे बजेतै से

बहरे मदीद फालातुन ।U।। फालुन।U

सूनि बाजू मूँहमे कैकटा छै बातमे
बूझि बाजूमीत यौ कैकटा छै घातमे

बहरे मुनसरेह मुसतफलुन ।।U मफलातु ।।।U

की की रहै की की भेल कोनो भला कोनो सैह
माँ माँ करी पैघो भेल सेहो जरौ सेहो जैह

बहरे मुक्तजब मफलातु ।।।U मुसतफलुन ।।U

रामोनाम सेहो उठा रामोनाम सेहो जरा
रामोनाम मोहो लए रामोनाम बातो करा

बहरे मजारे मफालुन U।।। फालातुन ।U।।

अरे की छी सैह नै की अरे छी छी वैह ने छी
बिसारी की उघारी की अरे की की देब ने की

बहरे मुजतस मुसतफलुन ।।U। फालातुन ।U।।
नै छै रमा नै रहीमो नै छै मरा नै मरीजो
नै ई कनेको मृतो छै नै ई कनेको जियै ओ

बहरे खफीफ फालातुन ।U।। मुसतफलुन ।।U फालातुन ।U।।

रेख राखू फेकू तँ नै देख लेलौं
सूनि राखू बेरो तँ नै बीति गेलौं

बहरे बसीत मुसतफलुन ।।U फालुन।U

की की रहै की भऽ गै की की छलै की भऽ नै
रीतो बितै ने कऽ गै गीतो बितै गाबि नै

बहरे सरीअ मुसतफलुन ।।U मुसतफलुन ।।U मफलातु ।।।U

सेहो कने छै ने अते की केहैत
लेरो चुबै छै ने अते की केहैत

बहरे जदीद फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। मुसतफलुन ।।U

लेलहेँ ई बेगुणो आ भेलै भने
बेलगो ई नैहरो आ गेलै भने

बहरे करीब मफालुन U।।। मफालुन U।।। फालातुन ।U।।

चलै छै ई कने बाटो जाइ छै नै
गतातोमे भने कोनो बात छै नै

बहरे मुशाकिल फालातुन ।U।। मफालुन U।।। मफालुन U।।।

मोदमानी अहोभागी कनी छै की
क्रोध जानी प्रणो खाली बनै छै की

३.आ तकर बाद सामिल आ मुजाहिफ अराकान दुनूक मेलपेँचसँ बनल १२ टा बहर मख्बून, अखरब, महजूफ, मक्तूअ, मक्बूज, मुज्मर, मरफू, मासूब, महजूज, मकफूफ, मश्कूल, आ अस्लम बहरक चर्च होएत।

मख्बून: बहरे रमल मुसद्दस मख्बून
फालातुन ।U।। लालुन UU।। लालुन UU।।

खेल खेला असली ऐ अगबे नै
मिलमिला अँखिगौरो बतहा नै

अखरब: बहरे हजज मुरब्बा अखरब
मफलु ।।U मफालुन U।।।

की भेल लटू बूड़ू
के गेल अत्ते जोड़ू

महजूफ: बहरे रमल मुसम्मन महजूफ
फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। फा इ लुन । U
एनमेनो भेल गेलौ आश आगाँ बीतलौ
सूनि गेलौं नै भगेलौं नाश नारा गीत यौ

मक्तूअ: बहरे मुतदारिक मुसद्दस मक्तूअ
फालुन।U फालुन।U फैलुन ।।

कीसँ की भेल छी बाबू
कीसँ की कैल छी आगू
मक्बूज: बहरे मुतकारिब मुसम्मन मक्बूज (एहिमे सभटा मुज़ाहिफ अरकान)
फ ऊ लुन U । । फ ऊ लुन U । । फ ऊ लुन U । । लु UU

अरे रे अहाँ जे कहेलौं सिनेह
अरे रे अहाँ जे बजेलौं सिनेह

मुज्मर: बहरे कामिल मुसद्दस मुज्मर (एहिमे सभटा अरकान सामिल)

मुफालुन UUU मुफालुन UUU मुसतफलुन ।।U
अनठयने रहबै रहबै हरे हे रोमबै
अनठयने रहबै रहबै अरे हे घूरिऐ

मरफू: बहरे मुक्तजिब मुसद्दस मरफू

मफलातु ।।।U मफलातु ।।।U मफलु ।।U
की की रेह की की सैह निंघेस
की की रेह की की यैह निंघेस

मासूब – बहरे वाफिर मुसद्दस (एहिमे सभटा अरकान सामिल)
मफातुन UUU मफातुन UUU मफालुन U।।।

अरे अनलौं सुहागिन यै अनेरो की
अरे अनलौं मुहोथरिमे जनेरो की

महजूज: बहरे मुतदारिक मुसम्मन महजूज (एहिमे सभटा मुज़ाहिफ अरकान)

फा इ लुन । U फा इ लुन । U फा इ लुन । U फा ।
के रहै सूनि यै ई अहाँकेँ
के रहै कूदि यै ई अहाँकेँ

मकफूफ: बहरे हजज मुसम्मन मकफूफ
मफालुन U।।। मफालुन U।।। मफालुन U।।। फालु U।।U
अनेरे की अनेरे की धुनेरे की कहेलौं हँ
अनेरे की अनेरे की धुनेरे की कहेलौं हँ

मश्कूल: बहरे रमल मुसम्मन मश्कूल
फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। फालातुन ।U।। मफलु ।।U
सूनि सुन्झा केलियै ने कोन पापी छोड़ाइ
सूनि सुन्झा केलियै ने कोन पापी छोड़ाइ

अस्लम: बहरे मुतकारिब मुसद्दस अस्लम
लुन U।। लुन U।। अल् U
अरे की अरे की अहाँ
अरे की अरे की अहाँ

४.आ एहिमे मात्र मुजाहिफ अराकानसँ बनल बेशी प्रयुक्त चारिटा बहर (मुक्तजब, मजारे, मुजतस आ खफीफ) क चर्च करब।
बहरे मुक्तजब (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी आठ रुक्न):फ ऊ लु U U फै लुन U फ ऊ लु UU फै लुन। ।

कतेक गपो कतेक सप्पो
कतेक मिलै रहैत छै ओ

बहरे मज़ारे (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी आठ रुक्न):मफ ऊ लु । U फा इ ला तु । U U म फा ई लु U । । U फा इ लुन। U । / फा इ ला न। U U

ने छैक नै इनाम कते कोन छानि गै
ने छैक नै नकाम कते कोन काज गै


बहरे मुजतस (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी आठरुक्न):म फा इ लुन U U फ इ ला तुन U U । । म फा इ लुन U U फै लुन। ।/ फलुन UU

भने भले करतै की भने भले भेटौ
कते कते जरतै ई कते कने देखौ

बहरे ख़फीफ़ (मुजाहिफ रूप) (अपूर्णाक्षरी छः रुक्न):फा इ ला तुन । U । । म फा इ लुन U U फै लुन। । / फ इ लुन U U

देख लेलौं दिवारसँ बेचै कखनो
बेख देखै गछारसँ हेतै निक ओ
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों