शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

गजल

गजल सुख जिनगीक गजल दर्द जिनगीक

रहए ठाढ़ अविचल गजल मर्द जिनगीक



हिमालयक भाए छी वा कैलाशक जन्मल

आगिक गोला गजल सर्द जिनगीक



देखए मे हेतैक लाजो के लाज तेहने

देखाएत अंग-अंग गजल बेपर्द जिनगीक



छैक जाम मगजक जकर बड्ड दिन सँ

हटबैत छैक गजल गर्द जिनगीक



अनचिन्हार साकी परसैए गजल हाला

छैक दवाइ गजल बेदर्द जिनगीक



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों