एहि तरहें प्रेम लेल तरसल हमर करेज
बरखाक हद तोड़ि बरसल हमर करेज
नहि देखाएत ओकर नाम सच मानू
अछि बड्ड हाथक दकचल हमर करेज
नहि भेटतैक हमर प्रेमक गोपी केकरो
माघ मासक गाछी जकाँ उजरल हमर करेज
कनेक अहूँ खाउ कनेक अहूँ खाउ
भोजक अन्न जकाँ परसल हमर करेज
कतबो रोकबै नहिए रुकत औ सरकार
अनचिन्हारक संग उड़रल हमर करेज
bahut achchhi lagi .sab shabd to samajh nahi payee par bhasha ki miyhhas ne aanandit kar diya .badhai .
जवाब देंहटाएंAasheesh jee, aam aadmee ke satya..... Abhivyakti prabhaavee.
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