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शनिवार, 26 फ़रवरी 2011
गजल
कतेक अरमान स छुबने छलों गुलाब के
ओह हथेली में काँट जेना उगी आयल
कतेक मोसकिल अछ अप्पन आन बुझनाय
दिलक घाह स शोणित निकलि आयल
बदलि गेलों क्षणही में अहाँ जेना
छाती में कोनो कैक्टस उगी आयल
करेज में गडेत अछ यादी अहाँ के
केक्टस में जेना कोनो फूल खिली आयल
खोजबीनक कूट-शब्द:
गजल,
Dr. Shefalika Verma
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
sughar abhivyakti.... Aadarneey Shefalikaa Jee.
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