सोमवार, 26 जनवरी 2015

गजल

बाल गजल


चिन्नी खेलहुँ चोरा चोरा
आरो धेलहुँ चोरा चोरा

भैया छै बड़का तँइ हमहूँ
बड़का भेलहुँ चोरा चोरा

हमरो जे कनियाँ रहितै से
खुब्बे गेलहुँ चोरा चोरा

गेल छलहुँ गाछी पिकनिक लेल
आँगन एलहुँ चोरा चोरा

जे भेटल जत्ते भेटल से
सभटा लेलहुँ चोरा चोरा

सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि
चारिम शेरक पहिल पाँतिमे अलग-अलग लघुकेँ मिला कऽ दीर्घ मानल गेल अछि। एही पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों