रविवार, 23 अगस्त 2015

गजल



छूटल छाटल अनचिन्हार छलै
बूड़ल बाड़ल अनचिन्हार छलै

मोनक बक्सा खोलि कऽ देखलकै
साँठल सूठल अनचिन्हार छलै

सी लेलक ओ अप्पन छाँहो धरि
फाटल फूटल अनचिन्हार छलै

खूजल रहलै सभहँक हाथ मुदा
नाथल नूथल अनचिन्हार छलै

चलि गेलै चिन्हार तखन बुझलहुँ
बाँचल बूचल अनचिन्हार छलै

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि
दूटा लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों