गुरुवार, 27 अगस्त 2015

गजल

जहिना दीपमे तेल जरूरी हए छै
तहिना नेहमे मेल जरूरी हए छै

जितबा लेल जिनगीक जुआमे मनुषकेँ
अपने किस्मतक खेल जरूरी हए छै

नेहक बाटपर जाइ बड़ी दूर तेहन
विश्वासक चलब रेल जरूरी हए छै

हितमे काज केनाइ समाजक असलमे
लोकप्रिय बनै लेल जरूरी हए छै

बिनु संघर्ष जिनगीक मजा कोन कुन्दन
कहियो काल किछु झेल जरूरी हए छै

मात्राक्रम : 2221-221-122-122

© कुन्दन कुमार कर्ण


http://kundanghazal.blogspot.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों