गजल
दंगा हुनके महिमा छै
सहमल कोसी कमला छै
खुब्बे बरसल आगि सखी
साबन भादब महिना छै
बदलल छै सरकार मुदा
सभ किछ जहिना तहिना छै
इंजन डिब्बा कानि रहल
रूकल रूकल पहिया छै
बेर कुबेरक घरमे आब
दैया मैया बहिना छै
सभ पाँतिमे 222-222-2मात्राक्रम अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त छूट जकाँ अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
दंगा हुनके महिमा छै
सहमल कोसी कमला छै
खुब्बे बरसल आगि सखी
साबन भादब महिना छै
बदलल छै सरकार मुदा
सभ किछ जहिना तहिना छै
इंजन डिब्बा कानि रहल
रूकल रूकल पहिया छै
बेर कुबेरक घरमे आब
दैया मैया बहिना छै
सभ पाँतिमे 222-222-2मात्राक्रम अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त छूट जकाँ अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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