बुधवार, 9 सितंबर 2015

गजल-50

तोहर याद नै आबै तँइ पी लए छी हम
जिनगी आब दारुमे डुबि जी लए छी हम

मतलब कोन छै हमरा दुनियासँ तोरा बिनु
अपनेमे मगन रहि ककरो की लए छी हम

दर्दक अन्हरीयामे पिअबाक मानक नै
कहियो काल कम कहियो बेसी लए छी हम

छै अलगे मजा स्वर्गक चुमनाइमे बोतल
तोहर ठोर बुझि नित चुमि सजनी लए छी हम

मजबूरी कहू या आदति या नियत कुन्दन
बस दुनियाक आगू बनि नेही लए छी हम

मात्राक्रम : 2221-222-22-1222

© कुन्दन कुमार कर्ण

http://kundanghazal.blogspot.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों