रविवार, 20 सितंबर 2015

गजल

भक्ति गजल

भक्ति पियास दियौ हे मैया
मुक्ति हुलास दियौ हे मैया

जय जगतारणि सभ दुख हारणि
सुख के आस दियौ हे मैया

दुखमे डूबल सगरो दुनियाँ
बस उगरास दियौ हे मैया

ज्ञानक जोती हीरा मोती
कंठक भास दियौ हे मैया

बचि जेतै दुनियाँ के लाज
ई बिसबास दियौ हे मैया

सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि।
दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
अंतिम शेरक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों