सौरभ पांडेय
जन्म स्थान- देवघर, झारखंड
पिता- श्री सुरेश चंद्र पांडेय
माता- श्रीमती कमला पांडेय
मूल निवास,द्वाबा, बलिया उत्तर प्रदेश
सौरभ जी मैथिली सहित भोजपुरी आ हिंदीक समान अधिकारी छथि। ई मूलतः भोजपुरी आ हिंदीमे गजल लिखै छथि। गजलक अलावे आन विधा ( मुख्यतः छंद)मे सेहो रचनारत छथि। ई पत्रिका ओपन बुक्स आन-लाइन डाट काम केर प्रबंधन समीति केर सदस्य छथि। विश्वगाथा नामक पत्रिकाक सलाहकार मंडल ओ परामर्शदात्री समूहक सदस्य सेहो छथि। हुनक एकटा कविता संग्रह - "इकड़ियाँ जेबी से" आ छंदक विवेचना शास्त्रक रूपमे "छंद मंजरी" पोथी प्रकाशित छनि।छंद मंजरीकेँ छंदक कार्यशाला कहल जाए तँ कोनो गलत नै। ऐके अतिरिक्त "परो को खोलते हुए" ऐ पोथीक संपादक छथि।
बिहार राज्य विद्युत परिषद्सँ अपन पिताक अवकाश प्राप्त केलाक बाद सौरभजी करीब पचीस सालसँ इलाहाबादमे छथि आ वर्तमानमे भारत सरकारक विभिन्न योजनाक कार्यरूप देबए बला संस्थाक नेशनल हेड छथि।
ऐ श्रृंखलाक माध्यमसँ हुनक दू गोट गजल (एकटा भोजपुरी आ एकटा हिंदी) दऽ रहल छी---
भोजपुरी गजल
२१२२ १२१२ २२
साफ़ बोले में बा हिनाई का ?
काहें बूझीं पहाड़-राई का ?
चाँद-सूरज में दोस्ती कइसे ?
धंधा-पानी में ’भाई-भाई’ का ?
सब इहाँ जी रहल बा स्वारथ में
हमहुँ जीहीं त जग-हँसाई का ?
चाँद ह ऊ, भला सितारन के -
कवनो इहवाँ सभा बोलाई का ?
आजु साहित्य का मुनाफ़ा हऽ
गीत कइसन ? ग़ज़ल-रुबाई का ?
मुट्ठिये के पकड़ बतावे ले
फेर में ई बीया कलाई का ?
खुदकुशी के हुनर में माहिर हम
कामना का ? कहऽ बधाई का ?
खून मूँहे जे कवनो के लागल
एः के मालूम बा, दवाई का ?
काहें बूझीं पहाड़-राई का ?
चाँद-सूरज में दोस्ती कइसे ?
धंधा-पानी में ’भाई-भाई’ का ?
सब इहाँ जी रहल बा स्वारथ में
हमहुँ जीहीं त जग-हँसाई का ?
चाँद ह ऊ, भला सितारन के -
कवनो इहवाँ सभा बोलाई का ?
आजु साहित्य का मुनाफ़ा हऽ
गीत कइसन ? ग़ज़ल-रुबाई का ?
मुट्ठिये के पकड़ बतावे ले
फेर में ई बीया कलाई का ?
खुदकुशी के हुनर में माहिर हम
कामना का ? कहऽ बधाई का ?
खून मूँहे जे कवनो के लागल
एः के मालूम बा, दवाई का ?
हिन्दी गजल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें