अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
बुधवार, 16 सितंबर 2015
रुबाइ
अनचिन्हारक हाथमे अनचिन्हारक हाथ
छै सिनेह भरल छातीपर घमाएल माथ
केखनो हटबै केखनो सटबै अपन ठोर
ऐ तरहें अनचिन्हार केलक हमरा सनाथ
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