ऐ सालक हमर अंतिम गजल
जेठ माघ देखी
भोर साँझ खेपी
राज काज कम छै
साज बाज बेसी
राजनीति छै तँइ
राजनीति खेली
हाथ गोड़ बाँचल
टूटि गेल खेती
भोर बड़ भयावह
दीप आब लेसी
सभ पाँतिमे 21-21-22 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
जेठ माघ देखी
भोर साँझ खेपी
राज काज कम छै
साज बाज बेसी
राजनीति छै तँइ
राजनीति खेली
हाथ गोड़ बाँचल
टूटि गेल खेती
भोर बड़ भयावह
दीप आब लेसी
सभ पाँतिमे 21-21-22 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि