शनिवार, 14 अक्टूबर 2017

गजल

बान्हल भाषा बान्हल बोल
अइ नाटकमे अतबे रोल

हुनका कहने दुनियाँ टेढ़
हुनके कहने दुनियाँ गोल

खाली पेटक छै फरमान
भरलाहाकेँ खोलै पोल

चुप्पे आबै चुप्पे जाइ
हिनकर आँगन हुनकर टोल

किछु ने जानै अनचिन्हार
के पहिरैए नवका खोल

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों