बुधवार, 4 अक्टूबर 2017

गजल

जे लिखतै
से बचतै

जे बचतै
से कहतै

जे कहतै
से सुनतै

जे सुनतै
से बुझतै

जे बुझतै
से मरतै

सभ पाँतिमे 222 मात्राक्रम अछि
एहि गजलकेँ गंभीरतासँ लेबाक जरूरति नै ओहिना बोखारमे लीखि देने छियै तथापि जँ किनको अर्थ बुझाइन तँ ई एहि गजलक सौभाग्य
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों