शनिवार, 28 अक्टूबर 2017

गजल

जिनका चाही पटना दिल्ली
तिनका धेने छनि छिलमिल्ली

नेता सुनिते सभ बुझि गेलै
फल्लाँ बनलै पिल्ला पिल्ली

जनताकेँ मानै छथि खाजा
संविधानकेँ पानक खिल्ली

जखने उठलै जुत्ता  तखने
हुनका ढ़ुकि गेलनि हलदिल्ली

सत्ता के रूप रंग एकै
चाहे जिलेबी हो कि झिल्ली

सभ पाँतिमे 22 22 22 22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों