रविवार, 17 दिसंबर 2017

गजल

अपना हारिओक दोसरके जीत जाइ छै
संयम राखि सबसँ जे जोडि प्रीत जाइ छै

मिठगरके पचा लए छै केओ मनुष मुदा
साधक ओ कहाइ छथि जे पी तीत जाइ छै

साक्षी भावमे विचारक कोनो बिया कहाँ
सदिखन मोन गुनगुना प्रेमक गीत जाइ छै

उपजल चेतनाक जखने विद्रोह लोकमे
संसारक पुरान सब टा टुटि रीत जाइ छै
सम्बन्धक कतारमे कुन्दन भीड हो बहुत
बेगरताक छन पुकारल बस मीत जाइ छै
2221-2122-221-212
© कुन्दन कुमार कर्ण
www.kundanghazal.com

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों