सोमवार, 5 मार्च 2018

गजल

अस्तित्वमे अस्तित्व समा जेतै एक दिन
अपनाक अपने संग मिला जेतै एक दिन

बिनु शब्द आ संगीत मिलनके बेर प्रकृति
शुन्ना समयमे गीत सुना जेतै एक दिन

नै हम रहब नै देह रहत रहतै बोध टा
दुख दर्द सब जिनगीक परा जेतै एक दिन

मस्तिष्कके सुख दुखसँ उपर लेबै जे उठा
आनन्दमे र्इ मोन डुबा जेतै एक दिन

बहिते हृदयमे जोरसँ कुन्दन नेहक हवा
चैतन्य केर ज्ञात करा जेतै एक दिन

2212-221-1222-212

© कुन्दन कुमार कर्ण

www.kundanghazal.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों