कटबे केलै पीपर हो
आँगन लगलै गीजर हो
कनियाँ भुक्खे कुहरैए
बाहर उठलै सोहर हो
जकरा बुझलह कीदन तों
से सभ हमरे तोहर हो
हमहूँ अनमन तोरे सन
हमरे भीतर दोसर हो
जइ ठाँ सिरजब अपनाकेँ
तकरे कहबै कोबर हो
सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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