शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

गजल

कटबे केलै पीपर हो
आँगन लगलै गीजर हो

कनियाँ भुक्खे कुहरैए
बाहर उठलै सोहर हो

जकरा बुझलह कीदन तों
से सभ हमरे तोहर हो

हमहूँ अनमन तोरे सन
हमरे भीतर दोसर हो

जइ ठाँ सिरजब अपनाकेँ
तकरे कहबै कोबर हो

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।


 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों