जमीन खा गेलै अकास खा गेलै
जहर मिला सभहक मिठास खा गेलै
कनी मनी रहितै तँ मानितहुँ नीके
बहुत निचलकाकेँ उँचास खा गेलै
जहाँ तहाँ काँटे जहाँ तहाँ महके
अहीं कहू के सभ सुवास खा गेलै
कहाँ कियो कहलक कहाँ कियो बुझलक
विकास देलक आ हुलास खा गेलै
अवास खा गेलै गरीब गुरबा के
अचल सचल राजित निवास खा गेलै
सभ पाँतिमे 12-1222-12-1222 मात्राक्रम छै। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। निच्चाक शेर हमर अवचेतन मोनमे छल मुदा आभास होइए जे कोनो टीभी शो केर प्रभाव छै एहि शेरपर। कंफर्म भेनाइ बाँकी अछि।
बनल रही मिरचाइ हम बहुत कड़ुगर
मिला कऽ मुरहीमे झकास खा गेल
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