सोमवार, 26 जुलाई 2021

गजल

 गजल


भूख  की   की   नै  करा  दै  छै

सुस्तके   कोसो  चला   दै    छै


भाग्य रहितो कर्म बिनु किछु नै

बात   ई   गीता   बुझा   दै   छै


पीब'   खातिर   छै   शराबे   नै

आँखिए   हुनकर  मता   दै  छै


साधिजे   संकल्प    रखने   छै

दृष्टिए   ओकर   बता    दै   छै


कालके  आगू   चलल  ककरा

केहनो   गरदनि  झुका  दै   छै


           ✍️ अभिलाष ठाकुर

मात्राक्रम अछि 2122-212-22

सभ पाँतिमे! सुझाव आमंत्रित अछि 💐

गजल

चलबै तेहन चक्कर समय
अपने मरलै असगर समय

दुनियाँ खातिर बिसुखल रहै
हुनका खातिर लगहर समय

कहियो पुछियौ कुसियारकेँ
सिट्ठी बनलै रसगर समय

हेतै जे जिम्मेदार किछु
तकरे दै छै टक्कर समय

जोड़ै छै अपना भरि मुदा
बहुते घटलै धनगर समय

सभ पाँतिमे 22-22-2212 मात्राक्रम अछि। छूट लैत एकरा 2122-2212 सेहो मानि सकैत छी। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

बुधवार, 21 जुलाई 2021

गजल

 गजल


समय पुरनो घाव जगा दैत छै बेर बेर

अपन छै वा आन बता दैत छै बेर बेर


हजारो बेरक दुखके जे रखै नै हिसाब

चुरुक भरि उपकार गना दैत छै बेर बेर


प्रयासे छै जीवनमे लक्ष्यकेँ प्राप्ति द्वार

समस्या ओ जड़ि सँ हटा दैत छै बेर बेर


शराबी छै से कहि बदनाम छै कैक ठाम

गरीबी  जमि   केर  टगा  दैत छै बेर बेर


कते आ ककरा रहलै धन कहू ने जमैल

पढू  ने  इतिहास  बता  दैत  छै  बेर बेर


            ✍️ अभिलाष ठाकुर


मात्राक्रम अछि 1222-2112-212-2121

सभ पाँतिमे! सुझाव आमंत्रित अछि 💐

गजल

क्षेत्रपालक घोर रूपक भूत नायक काल भैरव
हे बटुक हे नागकेशी पाप दाहक काल भैरव

क्रोध भैरव रुद्र भैरव उग्र लोचन धूम्रलोचन
भैरवी पति पाप मोचक पुण्य दायक काल भैरव

चण्ड भैरव चंद्र भैरव श्वान वाहन मद्य पावन
शांति योगी शांतिदायी शांति वाहक काल भैरव

योगिनी प्रिय डाकिनी प्रिय शाकिनी प्रिय राकिनी प्रिय
सौम्य सार्थक लोक पोषक दुष्ट मारक काल भैरव

बुद्धि भेटल सिद्धि भेटल शब्द संगे अर्थ भेटल
कृष्ण पक्षक अष्टमी तिथि कर्म कारक काल भैरव

सभ पाँतिमे 2122-2122-2122-2122 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रमल मोसम्मन सालिम वा बहरे रमल सालिम अठरुक्नी अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।  

रविवार, 18 जुलाई 2021

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-35

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी। एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू। अजुका रचना अछि "ये मुलाकात एक बहाना है"। एहि रचनाक हरेक पाँतिमे 212-212-1222 मात्राक्रम अछि। ई रचना वस्तुतः गजल छै। ई फिल्म "खानदान" मे गाएल गेल रहै। गीतकार छथि नक्श ल्यालपुरी। संगीतकार छथि खैय्याम। गायिका लता मंगेशकर। ई फिल्म 1979 मे आएल रहै जाहिमे जीतेन्द्र, सुलक्षणा पंडित, बिंदिया आदि कलाकार छलथि। एहि ठाम ईहो कहब आवश्यक जे 1965 मे सेहो खानदान नामक फिल्म आएल छल जाहिमे सुनील दत्त एवं नूतन आदि कलाकार छलथि।

ये मुलाकात एक बहाना है
प्यार का सिलसिला पुराना है

धड़कनें धड़कनों में खो जाएँ
दिल को दिल के करीब लाना है

मैं हूँ अपने सनम की बाहों में
मेरे कदमों तले ज़माना है

ख़्वाब तो काँच से भी नाज़ुक हैं
टूटने से इन्हें बचाना है

मन मेरा प्यार का शिवाला है
आपको देवता बनाना है

(212-212-1222) ई गजल निच्चा सुनि सकैत छी--


सोमवार, 12 जुलाई 2021

गजल

सादा कागजपर लिखाएल आँगन
अपने आँगनमे बिकाएल आँगन

जखने एलै डेग के गंध लगमे
नवकी कनियाँ सन लजाएल आँगन

कतबो बड़का छी पहलवान तैयो
छिटकी मारै छै जुआएल आँगन

तोरे कहने छोड़ि देबै अपन घर
तोरे बापक छौ लगाएल आँगन

बहुते भारी से बुझाएत कहियो
अपने कन्हापर उठाएल आँगन

सभ पाँतिमे 22-22-2122-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

गुरुवार, 8 जुलाई 2021

गजल

कोबरमे दुल्हा कुर्सीपर नेता सोभै हो
के जानै जे बाहर बैसलपर की बीतै हो

जत्ते मूर्खक संगत ततबे से बड़का लेखक
जीवन भरि चारण बनि सुगरक गोबर लीखै हो

पहिने बेचल संपति तकरा बादे मोनोकेँ
इम्हर देखू चुप्पे पूरा देशो बेचै हो

जकरा हिस्सा रहितै बर्फी छेना रसगुल्ला
से सभ रस्तापर बैसल ऐंठे टा चीखै हो

जनता पापी चुप्पे रहलै बस चुप्पे रहलै
डकुआ नेता ठकुआ नेता बहुते बाजै हो

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। भास पारंपरिक अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

रविवार, 4 जुलाई 2021

गजल

गाम नै गाम शहर भेल जाइ छै
माय नै माय मदर भेल जाइ छै

केहनो छै कनियाँ नीक छै बहुत
बोल पप्पा क जहर भेल जाइ छै

भोट देबै ल' क' टाका यदा कदा
तैं न सरकार निडर भेल जाइ छै

छै अबैया हुनकर दुख कही कते
खूब बैमान पहर भेल जाइ छै

काफिया सँग म' रहने रदीफकेँ
जीवनक डोर बहर भेल जाइ छै

मात्राक्रम अछि 2122-1122-1212
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों