बुधवार, 21 जुलाई 2021

गजल

 गजल


समय पुरनो घाव जगा दैत छै बेर बेर

अपन छै वा आन बता दैत छै बेर बेर


हजारो बेरक दुखके जे रखै नै हिसाब

चुरुक भरि उपकार गना दैत छै बेर बेर


प्रयासे छै जीवनमे लक्ष्यकेँ प्राप्ति द्वार

समस्या ओ जड़ि सँ हटा दैत छै बेर बेर


शराबी छै से कहि बदनाम छै कैक ठाम

गरीबी  जमि   केर  टगा  दैत छै बेर बेर


कते आ ककरा रहलै धन कहू ने जमैल

पढू  ने  इतिहास  बता  दैत  छै  बेर बेर


            ✍️ अभिलाष ठाकुर


मात्राक्रम अछि 1222-2112-212-2121

सभ पाँतिमे! सुझाव आमंत्रित अछि 💐

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों