शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

गजल

गजल- कालीकांत झा "बूच"


अहॅक लेल रंजन, हमर भेल गंजन
केहेन खेल ई, रक्त सॅ हस्त मंजन

तरल नेह पर मात्र दुःखक सियाही,
जड़ल देह हम्मर अहॅक आॅखि अंजन

रचल गेल छल जे, सुखक लोक सुन्दर
चलल अछि प्रलय लऽ तकर सुधिप्रभंजन

मृतक हम, अहाॅ छी सुधा स्वर्ग लोकक
अहॅक लेल यौवन हमर गेल जीवन

1 टिप्पणी:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों