दर्दक गीत गबैए अनचिन्हार
टूटल करेज जोड़ैए अनचिन्हार
नहि भेटैत छथि ओ हमरा
सपने मे देह छुबैए अनचिन्हार
महँगाइ अनुरूपे आमदनी नहि
हरिश्चन्द्र बनि रोहित बेचैए अनचिन्हार
जहिआ सँ हुनका देखलहुँ हम
सपना देखि करोट फेरैए अनचिन्हार
मीलि गेलै जखन ठोर सँ ठोर
प्रेमक संसार मे घुमैए अनचिन्हार
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