मंगलवार, 1 मार्च 2011

गजल

मोन कतबो मरलिअइ मोन रहि गेलैक मुदा

छवि कतबो हटेलिअइ आँखि मे बसि गेलैक मुदा



हाँड़-पाँजड़ रहए ने थिर चित्त चंचल

नोरक धार सँ आँखि दहि गेलैक मुदा



बैसल छी घर मे एकसरे एखन

कान मे केओ किछु कहि गेलैक मुदा



एक त विख्ख ताहू मे इ प्रेमक विख्ख

रोकिते-रोकिते चढ़ि गेलैक मुदा



मुँह जे देखिऐक त लगैक अनचिन्हारे सन

की करु प्रेम सँ करेज मथि गेलैक मुदा

1 टिप्पणी:

  1. aasheh ji maithili se abhi ham anjan hain yadi aap kuchh shabdon ke samanya hindi aarth bhi neeche likh denge to ham aapki gazlon ko bhali prakar samjh payenge.

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों