लदने नै अनेरे लाश छी कान्हपर
जीवन केर सबटा आश छी कान्हपर
दिन भरि जे कमेलौं ओकरे दाम अछि
ढाकीमे बुझू नै घास छी कान्हपर
खूजल उक जकाँ कोना
फरफराइ छी
नै रखने मनुक्खक भाष छी कान्हपर
भैया भेल नेता आब नै हम डरब
रखने हाथ सदिखन खास छी कान्हपर
कुक्कुर पोसि नव-नव साहबी केर ‘मनु’
दू कट्ठा बचेने चास छी कान्हपर
(बहरे कबीर, मात्रा क्रम – २२२१-२२२१-२२१२)
जगदानन्द झा ‘मनु’
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