नेताक भेषमें सभ कामचोर छैक
तामससँ लोक देशक तेँ अघोर छैक
चुल्हा गरीबके दिन राति छैक बन्द
जे छैक भ्रष्ट घर ओकर इजोर छैक
ककरा करत भरोसा आम लोक आब
निच्चा अकान उप्पर घूसखोर छैक
चाही विकास चाही नै विनाश आब
जनताक ठोरपर मचिगेल शोर छैक
आलोचना करत 'कुन्दन' कतेक आर
जे चोर ओकरे मुँह एत जोर छैक
221+212+221+2121
© कुन्दन कुमार कर्ण
© www.facebook.com/kundan.karna
तामससँ लोक देशक तेँ अघोर छैक
चुल्हा गरीबके दिन राति छैक बन्द
जे छैक भ्रष्ट घर ओकर इजोर छैक
ककरा करत भरोसा आम लोक आब
निच्चा अकान उप्पर घूसखोर छैक
चाही विकास चाही नै विनाश आब
जनताक ठोरपर मचिगेल शोर छैक
आलोचना करत 'कुन्दन' कतेक आर
जे चोर ओकरे मुँह एत जोर छैक
221+212+221+2121
© कुन्दन कुमार कर्ण
© www.facebook.com/kundan.karna
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें