अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शुक्रवार, 15 नवंबर 2013
गजल
गजल
किछु नै बाँचल तोरा लेल
नोरे साँठल तोरा लेल
गम-गम गमकै तोहर देह
छै सभ मातल तोरा लेल
हम घेंटो काटल रहि रहि क'
जीहो जाँतल तोरा लेल
पंडित मुल्ला पासी संग
ताड़ी चाखल तोरा लेल
रौदी दाही अन्हड़ बाढ़ि
ई अवधारल तोरा लेल
सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम।
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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