"ग"सँ गंगा "ग"सँ गजल छै
आखर आखर विमल छै
"ग"सँ गीता "ग"सँ गजल छै
वेदक संगे रचल छै
"ग"सँ गाए "ग"सँ गजल छै
पाथर पाथर महल छै
"ग"सँ गायत्री रटल हम
अनका धरिकेँ बुझल छै
"ग"सँ गामा संग गाँधी
दुष्टक गर्वो टुटल छै
सभ पाँतिमे 2222+122 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
आखर आखर विमल छै
"ग"सँ गीता "ग"सँ गजल छै
वेदक संगे रचल छै
"ग"सँ गाए "ग"सँ गजल छै
पाथर पाथर महल छै
"ग"सँ गायत्री रटल हम
अनका धरिकेँ बुझल छै
"ग"सँ गामा संग गाँधी
दुष्टक गर्वो टुटल छै
सभ पाँतिमे 2222+122 मात्राक्रम अछि।
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
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