शनिवार, 13 सितंबर 2014

गजल

गजल - 11

सहसह लोकक भीड़ देखल हम
सुच्चा लोकक लेल बेकल हम​

कटुता क्रोधक उमर बढ़लै टा
नेहक देखल लाश जेकल हम​

माहुर मीझर गप्प गीजै छथि
माहुर गप्पक टीस सेकल हम

बलगर शोणित पीबि मोटेलै
अबला श्राद्धक पात फेकल हम

जीयब निकहा दिनक आशामें
आशक सिम्मर फ़ूल सेबल हम​

सभ पाँतिमे मात्राक्रम –2222-21-222

© राम कुमार मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों