शनिवार, 20 सितंबर 2014

गजल

ने बेटा ने पोता ने बेटी बुढ़ौतीमे
देखै छी खाली उकटा पैंची बुढ़ौतीमे

लोटा लाठी टूटल दरबज्जा चुनौटी आ
करिया कुक्कुर संगे छै दोस्ती बुढ़ौतीमे

डबरा डुबरी पोखरि झाँखरि खेत गाछी संग
चलि गेलै हम्मर सोहक पौती बुढ़ौतीमे

घुरि घुरि एना हमरा देखैए समाजक लोक
जेना फेरो हेतै घटकैती बुढ़ौतीमे

की खेबाके इच्छा अछि से कहि दिऔ झटपट
झड़कल सन संतानक अपनैती बुढ़ौतीमे


सभ पाँतिमे 222+222+222+1222 मात्राक्रम अछि
तेसर आ चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों