गुरुवार, 25 दिसंबर 2014

गजल

गालपर तिलबा कते शान मारैए
निकलु नै बाहर सभक जान मारैए

जतअ देखलौं अहीँपर नजरि सबहक
सभ तरे तर नजरिकेँ वाण मारैए

तिर्थमे पंडित तँ मुल्ला मदीनामे
सभ अहीँकेँ राति दिन तान मारैए

अछि अहीँकेँ मोहमे बूढ़ नव डूबल
देखिते मुँह फारि मुस्कान मारैए

काज कोनो नै बनेए जँ जीवनमे
'मनु' अहीँ लग फूल आ पान मारैए

(बहरे कलीब, मात्रा क्रम : २१२२-२१२२-१२२२)

© जगदानन्द झा 'मनु'

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों